Axar Patel ने विश्व कप फाइनल में अपने वर्षों की मेहनत को साबित कर दिया। जब खेल दक्षिण अफ्रीका की ओर चला गया, अक्षर पटेल ने क्रीज पर आकर भारत का स्कोर फिर से बढ़ा दिया। उनके शानदार प्रदर्शन के कारण बचपन का उपनाम “नडियाद के जयसूर्या” फिर चर्चा में है।
मैच के बिच में कभी-कभी, ऋषभ पंत को स्टंप्स के पीछे से यह कहते सुना जा सकता है, कि “जयसूर्या, लेफ्ट में जा, राइट जा ,” जो वह Axar Patel को कहते है यह उनका बचपन का उपनाम है, जो व्यक्ति गेंदबाजी नहीं करना चाहता था,
लेकिन अपनी बाएं हाथ की स्पिन के लिए भारत के लिए खेला, उसे अपने बचपन की ऊँचाइयों को फिर से जीने का सबसे बड़ा मंच मिला। संयोग से, अक्षर अंतिम व्यक्ति थे जिन्हें 15 सदस्यीय टीम में चुना गया था क्योंकि चयनकर्ता उनके और वॉशिंगटन सुंदर के बीच जूझ रहे थे, लेकिन अंत में उन्होंने अक्षर पर भरोसा करने का सही फैसला किया।
जब वह क्रीज पर आए, तो खेल दक्षिण अफ्रीका की ओर झुक गया था, लेकिन अक्षर अपने शानदार बल्लेबाजी से 31गेंदों पर 47 रन बना कर T20 World Cup 2024 को भारत की तरफ मोड़ दिया। और भारत ने T20 World Cup 2024 जीत लिया।
Axar Patel को “नडियाद के जयसूर्या” क्यों कहाँ जाता है
वह छोटे थे तो उनकी मां और दादी ने उनके क्रिकेट खेलने पर आपत्ति जताई, लेकिन अक्षर की जिद और मेहनत ने उन्हें जल्दी ही रैंकों में पहुंचाया उनके बचपन का उपनाम, “नडियाद का जयसूर्या“, विश्व कप फाइनल में उनकी शानदार पारी ने सही साबित किया।
अहमदाबाद से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित छोटे से शहर नडियाद में जन्मे अक्षर पटेल अब भी अपने परिवार के साथ वही पर एक छोटे से बंगले में रहते हैं, स्कूल के प्रिंसिपल ने अंग्रेजी स्पेलिंग को Akshar से Axar कर कर दिया और बाद में उन्हें गली की क्रिकेट ने नडियाद के जयसूर्या नाम दिया इसलिए उन्हें जयसूर्या कहा जाता है। इसका कारण यह है कि उनकी फील्डिंग और बल्लेबाजी दोनों एक समान प्रकार की हैं। हालाँकि, अक्षर पटेल मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हैं, जबकि जयसूर्या ओपनिंग पर बल्लेबाजी करते थे।
अक्षर के कजिन ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया था “वह बहुत तेज गेंदबाजी करता था,” पूरी तरह से जयसूर्या की तरह। अक्षर को हर कोई चाहता था कि वह उसकी टीम में खेले, यही से उनको जयसूर्या निकनेम मिल गया ,