Jharkhand : हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की अनुपस्थिति में झारखंड की कमान संभालने वाले चंपई सोरेन (Champai Soren) ने पहले तो पार्टी में किसी तरह की आंतरिक खटपट से इंकार किया था। लेकिन फिर 24 घंटे के भीतर उनकी दिल्ली यात्रा ने सियासी हलचल बढ़ा दी। क्या यह बदलाव का संकेत है?
Champai Soren की दिल्ली यात्रा को लेकर बताया गया कि वे अपनी बेटी से मिलने और एक डॉक्टर से मिलने गए थे, लेकिन राजनीति में अक्सर इस तरह की यात्राएं बड़े फैसलों की शुरुआत होती हैं। तो क्या यह महज़ संयोग था, या कुछ और?
ट्वीट में छलका दर्द: आत्मसम्मान पर चोट
चंपई सोरेन ने एक लम्बा ट्वीट करते हुए अपनी नाराज़गी खुलकर जाहिर की। उन्होंने कहा कि उन्हें सत्ता का लालच नहीं था, लेकिन जिस तरह से उन्हें हटाया गया, उसने उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाई। इस ट्वीट के जरिए उन्होंने साफ कर दिया कि उनके भविष्य के सारे विकल्प खुले हुए हैं।
जोहार साथियों,
आज समाचार देखने के बाद, आप सभी के मन में कई सवाल उमड़ रहे होंगे। आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसने कोल्हान के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक गरीब किसान के बेटे को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया।
अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत में औद्योगिक घरानों के खिलाफ मजदूरों की आवाज…
— Champai Soren (@ChampaiSoren) August 18, 2024
JMM से नाता तोड़ने के तीन विकल्प: कौन सा रास्ता चुनेंगे Soren ?
सोरेन ने JMM से अपनी दूरी बनाते हुए तीन संभावित विकल्प सामने रखे — राजनीति से संन्यास, अपनी पार्टी का गठन, या किसी अन्य दल में शामिल होना। बीजेपी के साथ उनके विकल्प खुले हैं, क्योंकि कांग्रेस और आरजेडी JMM के सहयोगी हैं और उनके लिए कोई जगह नहीं है।
क्या Champai Soren और बीजेपी का गठजोड़ फायदेमंद हो सकता है?
Champai Soren आदिवासी समुदाय के प्रमुख नेता हैं, और बीजेपी, जो आदिवासी वोटों में कमजोर हो गई है, को एक मजबूत चेहरा चाहिए, सोरेन इस कमी को पूरा कर सकते हैं। उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल की सराहना बीजेपी के नेताओं ने भी की है।
फिलहाल, चंपई सोरेन और बीजेपी के बीच कोई औपचारिक संवाद नहीं हुआ है। लेकिन राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं होता, और एक रात में ही तस्वीर बदल सकती है। सभी की नज़रें अब चंपई सोरेन के अगले कदम पर टिकी हैं।