Upcoming assembly elections in Haryana : हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जननायक जनता पार्टी (JJP) को एक बड़ा झटका लगा है। टोहाना से विधायक और पूर्व पंचायत मंत्री देवेंदर बबली ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अजय चौटाला को पत्र लिखकर सभी पदों से त्यागपत्र भेजा।
Haryana :कैथल के गुहला आरक्षित क्षेत्र से विधायक ईश्वर सिंह ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया है। ईश्वर सिंह ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा सौंपा है। इसके अलावा, शाहबाद से विधायक रामकरण ने भी Jananayak Janata Party (JJP) को छोड़ दिया। दो दिनों में चार विधायक पार्टी से किनारा कर चुके हैं।
उकलाना से विधायक और पूर्व मंत्री अनूप धानक ने भी हाल ही में पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिया। उनका इस्तीफा JJP के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि उन्हें पार्टी के सबसे वफादार नेताओं में गिना जाता था।
JJP में बगावत की लहर ,
हिसार से जुड़े तीनों विधायक अब पार्टी के खिलाफ हो गए हैं, जिसमें सबसे पहले नारनौंद के विधायक रामकुमार गौतम ने बगावत की थी।बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग ने पहले ही भाजपा प्रत्याशी चौधरी रणजीत सिंह का समर्थन करते हुए जजपा के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले JJP के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। पार्टी के बड़े नेताओं का इस्तीफा पार्टी की स्थिति को और कठिन बना सकता है।
Haryana का सियासी समीकरण ?
Haryana की राजनीति में फिलहाल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दबदबा है। 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 36.7% वोट हासिल करके 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जो उसे सबसे बड़ी पार्टी बना दिया। लेकिन 46 सीटों के बहुमत से अभी भी दूर रही।
दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस को 28.2% वोट मिले, जिससे वह 31 सीटों तक पहुंच सकी। हालांकि, वह भी बहुमत से काफी पीछे रह गई, कांग्रेस के लिए यह चुनाव थोड़ा चुनौतीपूर्ण साबित हुआ, फिर भी उसने एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाई।
दुष्यंत चौटाला की नई-नई जननायक जनता पार्टी (JJP) ने 14.9% वोट शेयर के साथ 10 सीटें जीतीं, यह नया राजनीतिक खिलाड़ी हरियाणा की राजनीति में एक नई ताकत बनकर उभरा, जिसने चुनाव के बाद सत्ता में बड़ी भूमिका निभाई।
हरियाणा लोकहित पार्टी ने भले ही 1% से भी कम वोट हासिल किए हों, लेकिन वह एक सीट पर जीत दर्ज करने में सफल रही। इसके अलावा, 7 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। इन निर्दलीय विधायकों ने राज्य की सियासी समीकरण में अहम भूमिका निभाई।
2019 का हरियाणा विधानसभा चुनाव बहुमत के बिना समाप्त हुआ, जिससे राज्य में गठबंधन की राजनीति का दौर शुरू हुआ, बीजेपी और (JJP) ने मिलकर सरकार बनाई, जिसमें निर्दलीय विधायक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे।
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