Saudi Arabia के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (NMC) के प्रवक्ता हुसैन अल-कहतानी ने कहा कि अगले वर्ष से Hajj 2043 तक ग्रीष्मकाल नहीं होगा. उनका कहना था कि जलवायु परिवर्तन से हज का मौसम 2026 से बदल जाएगा। अगले 17 वर्षों तक ग्रीष्मकालीन हज फिर से नहीं होगा।
‘Saudi National Meteorological Center ‘ सऊदी राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (NMC) के प्रवक्ता हुसैन अल-कहतानी ने कहा कि अगले साल की Hajj ग्रीष्मकाल में होने वाली आखरी हज होगी। “हज का मौसम 2026 के दौरान जलवायु परिवर्तन के एक नए चरण में प्रवेश करेगा,” उन्होंने कहा। 17 वर्ष बाद तक हज ग्रीष्मकाल में नहीं होगा।अल-कहतानी ने कहा कि वर्ष 2026 में आठ वर्षों तक लगातार वसंत ऋतु होगा, जिसके बाद आठ वर्षों तक शीतकाल में हज यात्रा होगी।
उन्होंने ने कहा “हम 16 वर्षों की के लिए ग्रीष्मकाल में हज को अलविदा कहेंगे,”आगे अल-कहतानी ने कहा यात्रियों को अक्सर 45 से 47 डिग्री सेल्सियस की गर्मी का सामना करना पड़ता है। इस साल सऊदी अरब में हीट वेव ने हज पर गए 550 श्रद्धालुओं की जान ले ली । अंतरराष्ट्रीय मीडिया मुताबिक इनमें से 323 मिस्र के, 60 जॉर्डन के और 35 ट्यूनीशिया के श्रद्धालु शामिल है ।
Hajj का इस्लामिक कलेण्डर
Saudi Arabia की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (NMC) के प्रवक्ता हुसैन अल-कहतानी ने बताया कि हज का मौसम हिजरी वर्ष 1454 में शीतकाल के मौसम में आता है और 8 वर्षों तक जारी रहता है, हिजरी वर्ष 1461 में समाप्त होता है। शरद ऋतु के मौसम के बारे में, हज का मौसम 1462 से 1469 के वर्षों के बीच रहता है उन्होंनेकहा, “इस प्रकार चार ऋतुएँ 33 हिजरी वर्षों की अवधि में अपने चक्र को पूरा करती हैं, हज का मौसम फिर से वर्ष 1470 में ग्रीष्मकाल में प्रवेश करेगा, और वहाँ नौ वर्षों तक रहेगा,
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