बिहार इन दिनों भीषण बाढ़ की चपेट में है। कोसी, गंडक, बागमती, कमला बलान और गंगा जैसी प्रमुख नदियों ने राज्य के लगभग 20 जिलों में भारी तबाही मचा दी है। बिहार (Bihar Flood) की इस विपदा ने लाखों लोगों को बेसहारा कर दिया है, और चारों तरफ पानी का सैलाब नजर आ रहा है। यह बाढ़ 2008 और 1968 की विनाशकारी बाढ़ की भयावह यादें ताजा कर रही है, जब हजारों लोगों की जान गई थी और कई गांव पूरी तरह से पानी में डूब गए थे।
2008 से भी भयावह Bihar Flood
2008 की बाढ़ में बिहार के 526 लोगों की जान गई थी, और हजारों परिवार बेघर हो गए थे। उस समय नेपाल से लगभग 2-3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, लेकिन इस बार बिहार में (Bihar Flood) के हालात और भी गंभीर हैं। कोसी नदी पर बीरपुर बैराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 56 वर्षों में सबसे अधिक है। गंडक पर वाल्मिकीनगर बैराज से 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 2003 के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
इन नदियों के उफान ने बिहार के 13 जिलों में ऐसी तबाही मचा दी है कि जनजीवन पूरी तरह रुक सा गया है। जहां कभी खेतों में फसलें लहराती थीं, अब वहां केवल पानी की चादर फैली हुई है, सड़कों पर गाड़ियों की आवाजें अब बंद हो चुकी हैं, और लोग मजबूरी में ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। गांवों में लोग, जो पहले अपने रोज़मर्रा के कामों में व्यस्त थे, अब नावों के सहारे या अस्थायी शरणगाहों में रहने को मजबूर हैं। चारों तरफ सिर्फ पानी और जीवन की मुश्किलों से भरी कहानियां नजर आ रही हैं।
तबाही का गहराता मंजर
सुपौल, मधुबनी, सहरसा, सीतामढ़ी, बगहा और पश्चिम चंपारण जैसे जिलों में ”Bihar Flood” बाढ़ की वजह से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। कई तटबंध टूट चुके हैं, जिससे पानी तेजी से निचले इलाकों में घुस रहा है। गांव-के-गांव पानी में डूब चुके हैं और लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं। यहां तक कि मुजफ्फरपुर के बकुची पावर प्लांट में पानी घुसने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है।
राहत और बचाव कार्यों में जुटी सरकार
लगभग 13.5 लाख लोग अभी तक इस बाढ़ ”Bihar Flood” से प्रभावित हो चुके हैं। सरकार और राहत एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की 16 टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात की गई हैं। जल संसाधन विभाग के 90 इंजीनियर 24 घंटे तटबंधों की निगरानी कर रहे हैं ताकि किसी भी नए खतरे का समय रहते सामना किया जा सके।
पानी की ये रफ्तार कुछ अलग ही बायां कर रही है .!
मिथिलांचल और सीमांचल वासियों के लिए दुआ कीजिए सब ठीक रहे.!!#Bihar #Floods #Nveda pic.twitter.com/PhNPS8Za93— Tabrez Alam (@Tabrez_saab) September 29, 2024
सरकार की चुनौतियां और प्रयास
बिहार सरकार ”Bihar Flood” के संकट से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन स्थिति इतनी विकराल है कि संसाधनों की कमी महसूस हो रही है। जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जनता से संयम रखने की अपील की है और भरोसा दिलाया है कि सरकार हरसंभव कदम उठा रही है ताकि इस भयावह बाढ़ की स्थिति पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सके।
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