BEd vs DElEd: बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने कक्षा एक से पांच तक के योग्य B.Ed शिक्षकों की सूची मांगी है, जिनकी नियुक्ति छठे चरण या उसके बाद हुई है। इस संबंध में बिहार शिक्षा विभाग ने अपने सभी जिला शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों एक फॉर्मेट जारी किया है, जिसमें शिक्षकों का पूरा डाटा मांगा गया है।
BEd vs DElEd: पटना हाईकोर्ट का फैसला और सुप्रीम कोर्ट में मामला ?
विभाग ने जिलों को भेजे पत्र में कहा है कि पटना हाईकोर्ट के 6 दिसंबर 2023 के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया गया है,ताकि छठे चरण में सशर्त नियुक्त शिक्षकों को राहत दी जा सके। मालूम हो कि पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर 6 दिसंबर 2023 को सुनाए गए अपने फैसले में कक्षा एक से पांच तक के बीएड योग्यता को अयोग्य करार दिया था। कोर्ट ने कहा था कि कक्षा एक से पांच तक के शिक्षक की योग्यता डीएलएड है।
बिहार के शिक्षा विभाग ने यह भी जानकारी मांगी है कि कितने शिक्षकों ने ब्रिजिंग कोर्स पूरा किया है जानकारी के आधार पर शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि कक्षा एक से पांच तक की शिक्षा के लिए उपयुक्त और योग्य शिक्षक उपलब्ध हों।
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इस निर्णय का उद्देश्य शिक्षा के स्तर को सुधारना और यह सुनिश्चित करना है कि प्राथमिक स्तर पर छात्रों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा मिले। बीएड और डीएलएड दोनों की अपनी विशेषताएं और लाभ हैं, लेकिन प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षण के लिए डीएलएड को अधिक उपयुक्त माना गया है।
यह कदम बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के प्रयास का एक हिस्सा है,और इसका उद्देश्य है कि प्राथमिक कक्षाओं में सही योग्यता वाले शिक्षक ही नियुक्त हों।