दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal)की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सीबीआई से एक महत्वपूर्ण सवाल किया, जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने सीबीआई के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एएसवी राजू से पूछा कि हाईकोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ केवल 3 पैरा लिखने में 7 दिन क्यों लगाएं। एएसजी ने केजरीवाल के सीधे हाईकोर्ट जाने के फैसले पर आपत्ति जताई है।
Supreme Court में एएसजी का तर्क ,
एएसजी राजू ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि Arvind Kejriwal ने पहले सेशन कोर्ट में याचिका नहीं दायर की, जबकि सामान्य प्रक्रिया के अनुसार पहले ट्रायल कोर्ट से शुरुआत की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य आरोपियों ने ट्रायल कोर्ट का सामना किया, और हाईकोर्ट को सेशन कोर्ट के फैसले का लाभ उठाना चाहिए था।
जस्टिस जे. भुइयां ने कहा कि हाईकोर्ट को तुरंत निर्णय लेना चाहिए था और 3 पैरा लिखने में 7 दिन लगना उचित नहीं है। उन्होंने हाईकोर्ट की सुनवाई प्रक्रिया की समीक्षा की और तर्क किया कि उच्चतम संस्थानों पर अधिक बोझ डालने की बजाय त्वरित निर्णय लिया जाना चाहिए।
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