UAE Crown Prince :अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नहयान का भारत दौरा 9-10 सितंबर 2024 को होने वाला है। यह दौरा भारत (India) और यूएई (UAE) के बीच रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। यह उनका भारत में पहला आधिकारिक दौरा है, जिसमें दोनों देशों के बीच सहयोग से जुड़े कई मुद्दों पर बातचीत होगी।
भारत और यूएई के बीच रिश्ते काफी पुराने हैं, जो अब एक मजबूत और व्यापक साझेदारी में बदल चुके हैं। 2017 में हुई रणनीतिक साझेदारी ने व्यापार, निवेश, तकनीक, ऊर्जा और शिक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को गहरा किया है। इस दौरे का उद्देश्य इन क्षेत्रों में और नए मौके तलाशना है ताकि दोनों देशों को फायदा हो सके।
PM Narendra Modi से मुलाकात ,
इस दौरे में, (UAE Crown Prince) क्राउन प्रिंस (PM Narendra Modi) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और दोनों देशों के बीच सहयोग को बेहतर बनाने पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही, वे राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे, जो दोनों देशों के बीच आपसी सम्मान का प्रतीक है। इसके अलावा, क्राउन प्रिंस की भारत के राष्ट्रपति से भी मुलाकात होगी, जिससे दोनों देशों के राजनीतिक और राजनयिक संबंध और मजबूत होंगे।
व्यापार मंच: आर्थिक सहयोग के नए मौके ,
UAE Crown Prince शेख खालिद का दौरा सिर्फ कूटनीति तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका मुख्य फोकस आर्थिक रिश्तों पर होगा। 10 सितंबर को वे मुंबई में एक व्यापार मंच में हिस्सा लेंगे, जहां भारत और यूएई के व्यापारी मिलकर आर्थिक सहयोग के नए रास्ते तलाशेंगे। इसमें तकनीक, बुनियादी ढांचे और हरित ऊर्जा (नवीकरणीय ऊर्जा) जैसे क्षेत्रों में संभावनाओं पर चर्चा होगी। यूएई पहले से ही भारत के बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है, और इस दौरे से व्यापार और निवेश में और बढ़ोतरी की उम्मीद है।
UAE Crown Prince : एक दूरदर्शी नेता ,
शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नहयान, यूएई के मौजूदा राष्ट्रपति के सबसे बड़े बेटे हैं और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस (Crown Prince) हैं। उनकी नेतृत्व शैली में नई सोच, आर्थिक विविधता और सतत विकास (टिकाऊ विकास) पर जोर दिया जाता है। उनकी सोच है कि यूएई को दुनिया में तकनीक, वित्त और हरित ऊर्जा का केंद्र बनाया जाए।
UAE Crown Prince शेख खालिद का भारत दौरा सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह भारत और यूएई के बीच बढ़ते रिश्तों का प्रतीक है। इस दौरे से आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसर मिलेंगे, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
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