NEET Exam : राजस्थान झालावाड़ के चलेट गांव में रहने वाले एक गरीब परिवार के तीन बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया है। राजेंद्र नागर के बच्चे अविनाश , अंजलि और अजय ने बैक-टू-बैक नीट की परीक्षा पास की है।
NEET Exam : सिर्फ दो कमरों का एक छोटा सा घर उसमें भी एक कमरे में दीवारों पर प्लास्टर और छत नहीं तो दूसरे कमरे में भी छत के नाम पर केवल टीन की चादर रखी गई है। राजेंद्र नागर का परिवार इसी में रहता है। राजेंद्र नागर परिवार बस इतनी ही दुनिया हैं राजेंद्र के पास अपने परिवार को चलाने के लिए खेती किसानी ही एकमात्र साधन है, जहां वे दिन भर काम करते हैं।
मगर अब राजेंद्र नागर के ये तीनो बच्चे भविष्य में डॉक्टर बनेंगे? आप इस बात को सुनकर हैरान हो सकते हैं, लेकिन यह सच है। अजय का अभी मेडिकल कॉलेज में दाखिला अभी बाकी है मगर उसने NEET की परीक्षा पास कर ली हैं जबकि अंजलि और अविनाश इस समय मेडिकल कॉलेज में पढाई कर रहे हैं। कठिन परिस्थितियों और आर्थिक कठिनाइयों बावजूद राजस्थान के झालावाड़ जिले के खानपुर तहसील के गांव चलेट के राजेंद्र नागर के बच्चों ने ये बड़ा लक्ष्य हासिल किया हैं ।
NEET Exam को कैसे निकला अविनाश ,अंजलि और अजय ने
पिता राजेंद्र नागर और माता मनभर के तीनों बच्चे शुरुआत से ही पढ़ाई में बहुत तेज थे। जबकि राजेंद्र नागर खुद केवल पांचवीं कक्षा तक ही पढ़े हैं , ऐसे में दोनों पति-पत्नी ने फैसला लिया कि भले ही उनके सामने कितनी भी आर्थिक चुनौतिया आएं, वो अपने बच्चों को खूब पढ़ाएंगे। माता-पिता के भरोसे को अंजलि,अविनाश और अजय ने उस वक्त सही साबित कर दिया, जब एक-एक साल के अंतर पर तीनों का 10वीं और12वीं का रिजल्ट घोषित हुआ। राजेंद्र की बेटी अंजलि नागर ने दसवीं कक्षा में 95 फीसदी और 12वीं में 82 फीसदी नंबर हासिल किए। वहीं, भाई अविनाश ने दसवीं में 82 फीसदी और 12वीं 92 फीसदी नंबर पाए।
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इसके बाद बारी थी अजय की, जिसने अपने बहन-भाई के कदमों पर चलते हुए दसवीं में 82 फीसदी और 12वीं में 72 फीसदी नंबर हासिल किए। 12वीं स्थान प्राप्त करने के बाद अंजिल नीट की तैयारी में जुट गई और 2022 की नीट परीक्षा में अंजलि ने 584 अंक हासिल किए, जिससे वह मेरिट लिस्ट में आ गई। हालाँकि, वह गुजरात आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, जामनगर से डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही हैं। 2023 में अंजलि के बड़े भाई अविनाश ने भी नीट में 660 नंबर हासिल कर लिए झारखंड के देवघर में स्थित एम्स संस्थान में उन्हें दाखिला मिला है।
जब दोनों बड़े बहन-भाई डॉक्टर बनने के लिए मेडिकल कॉलेज गए, तो अजय भी कैसे पीछे रहता? 2024 में अजय ने नीट परीक्षा में 661 अंक प्राप्त किए, जिससे उन्हें अब मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेना बाकी है।
अब पूरा गांव और जिला इन बच्चो के माता पिता का तारीफ कर रहा हैं , क्योंकि पति-पत्नी ने अपने बच्चों के सुंदर भविष्य के लिए खुद को झोंक दिया। ये तीनों बच्चे एक गरीब किसान परिवार में पैदा हुए थे और आज उन विद्यार्थियों के लिए मिसाल बन गए हैं, जो अपनी मंजिल पर पहुंचने से पहले ही किसी छोटे से असफलता या अभाव से हार मान लेते हैं।
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