Waqf Amendment bill : नई दिल्ली में 18 से 20 सितम्बर 2024 तक वक्फ (संशोधन) बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि अपनी राय और सुझाव साझा करेंगे। यह बिल वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के सही उपयोग और प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के उद्देश्य से लाया गया है।
बैठक का समय और एजेंडा
लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, तीन दिवसीय इस बैठक में विभिन्न चरणों में चर्चा की जाएगी।
– 18 सितम्बर : अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रतिनिधि मौखिक साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे।
– 19 सितम्बर : चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. फैज़ान मुस्तफा,पसमांदा मुस्लिम महाज और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य अपने सुझाव देंगे।
– 20 सितम्बर : ऑल इंडिया सज्जादानशीन काउंसिल, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और भारत फर्स्ट संगठन अपनी सिफारिशें पेश करेंगे।
पिछली बैठक की समीक्षा
6 सितम्बर को JPC की चौथी बैठक में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारियों ने वक्फ संपत्तियों से संबंधित अपने विचार प्रस्तुत किए थे। इस दौरान तेलंगाना वक्फ बोर्ड और जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने भी अपनी राय दी थी।
JPC के सदस्य और शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता नरेश म्हासके ने बताया कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सही ढंग से उपयोग नहीं हो रहा है, जिससे गरीबों को लाभ नहीं मिल पा रहा। इसी के समाधान हेतु यह (Waqf Amendment bill) संशोधन बिल लाया गया है।
Waqf Amendment bill पर विपक्ष का विरोध
JPC की बैठकों में विपक्षी दलों ने वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment bill) का पुरजोर विरोध किया है। नरेश म्हासके के अनुसार, कई विपक्षी नेता अपनी राजनीतिक ताकत और वोट बैंक के कारण इस बिल का विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना वक्फ बोर्ड और जकात फाउंडेशन ने भी बिल में बदलाव का विरोध किया है। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस बिल को लेकर जोरदार बहस चल रही है।का पुरजोर विरोध किया है।
नरेश म्हासके के अनुसार, कई विपक्षी नेता अपनी राजनीतिक ताकत और वोट बैंक के कारण इस बिल का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना वक्फ बोर्ड और जकात फाउंडेशन ने भी बिल में बदलाव का विरोध किया है। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस बिल को लेकर जोरदार बहस चल रही है।
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