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Union Budget 2024 : इतिहास के पन्नों में एक नया अध्याय: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का सातवां लगातार बजट ?

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Union Budget : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अपने सातवें लगातार संघीय बजट के साथ इतिहास रच दिया हैं। इस बजट के माध्यम से मोदी 3.0 सरकार  के लिए भारत का वित्तीय प्लान पेश करेगी। जाने बजट की तैयारी से लेकर हलवा समारोह तक के सफर के बारे में, और जानिए कैसे एक केंद्रीय बजट का निर्माण होता है ,

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मंगलवार (23 जुलाई) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने Union Budget 2024 प्रस्तुत किया । यह उनका सातवा लगातार बजट प्रस्तुति हैं, जिससे वे पहली वित्त मंत्री बन गई है , जिन्होंने सात बार लगातार बजट पेश किया है।

इससे पहले सिर्फ मोरारजी देसाई ने लगातार छह बार संघीय बजट (Union Budget) प्रस्तुत किया था, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 से 1995 के बीच लगातार पांच बार बजट पेश किया है। बात की जाए सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने की तो वह रिकॉर्ड अभी भी मोरारजी देसाई  के नाम दर्ज है, उन्होंने कुल दस बजट सदन में पेश किये है । इसके बाद पी. चिदंबरम हैं जिन्होंने नौ बजट पेश किए है। प्रणब मुखर्जी ने भी पांच बार लगातार बजट पेश किए है , जिससे उनके कुल बजट की संख्या आठ हो गई।

Union Budget  से पहले की रस्में ?

Union Budget प्रस्तुत करने से पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नॉर्थ ब्लॉक में सचिवों से मुलाकात की और राष्ट्रपति से बजट प्रस्तुत करने की अनुमति प्राप्त की। इसके बाद एक कैबिनेट बैठक हुई  जिसमें प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रियों को बजट के विवरण से अवगत कराया गया और स्वीकृति प्राप्त की गई।

Union Budge तैयार करने की प्रक्रिया:

बजट तैयार करने की प्रक्रिया सितंबर-अक्टूबर में शुरू होती है। वित्त मंत्रालय सभी मंत्रालयों, संघ शासित क्षेत्रों, राज्यों, और स्वायत्त निकायों को उनके प्रस्ताव और सिफारिशें देने के लिए परिपत्र जारी करता है। आमतौर पर बजट 1 फरवरी को प्रस्तुत किया जाता है। लेकिन चुनावी वर्षों में, एक अंतरिम बजट पहले प्रस्तुत किया जाता है और पूरा बजट नए सरकार के गठन के बाद पेश किया जाता है।

Budge तैयार करने से पहले ‘हलवा’ समारोह:

बजट प्रस्तुति से कुछ दिन पहले, सरकार पारंपरिक ‘हलवा समारोह’ आयोजित करती है। यह समारोह बजट दस्तावेज़ों की छपाई की शुरुआत का प्रतीक होता है। इस साल यह समारोह 16 जुलाई को नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में हुआ , यह समारोह बजट की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्रालय में लॉकडाउन की शुरुआत को भी दर्शाता है। वित्त मंत्री और अन्य उच्च-स्तरीय अधिकारी इस समारोह में शामिल होते हैं।

नॉर्थ ब्लॉक का बेसमेंट एक प्रिंटिंग प्रेस का घर है, जो 1980 से 2020 तक बजट दस्तावेज़ों की छपाई के लिए उपयोग होता था। बजट के डिजिटल होने के बाद, दस्तावेज़ों का वितरण मोबाइल ऐप और वेबसाइट के माध्यम से होने लगा, और लॉक-इन अवधि पांच दिनों तक सीमित हो गई है।

सुरक्षा और गोपनीयता:

बजट की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए, बजट प्रस्तुति से पहले केंद्रीय बजट को पूरी तरह से गोपनीयता के आवरण में लपेटा जाता है, सुरक्षा इतनी कड़ी होती है कि वित्त मंत्रालय के करीब 100 अधिकारियों को कम से कम 10 दिनों तक एक तहखाने में बंद रखा जाता है।

इस पूरी प्रक्रिया की शुरुआत पारंपरिक हलवा समारोह से होती है, जिसमें वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों को हलवा वितरित किया जाता है। इसके तुरंत बाद, बजट की छपाई से जुड़े अधिकारियों को नॉर्थ ब्लॉक के तहखाने में बंद कर दिया जाता है। यहाँ, बजट दस्तावेज़ को सुरक्षित रखने के लिए ब्लू शीट का उपयोग किया जाता है, जिसमें मुख्य संख्याएँ होती हैं। यह गुप्त शीट पूरी बजट प्रक्रिया की रीढ़ होती है और केवल संयुक्त सचिव (बजट) ही इसे देख सकते हैं।

1950 तक, बजट पेपर राष्ट्रपति भवन के अंदर ही छापे जाते थे, लेकिन उसी साल लीक होने के बाद, छपाई मिंटो रोड स्थित एक सरकारी प्रेस में स्थानांतरित की गई। 1980 से, नॉर्थ ब्लॉक का बेसमेंट बजट प्रिंटिंग के लिए अपरिवर्तित डगआउट बन गया है।

क्वारंटाइन और सुरक्षा व्यवस्था:

हलवा समारोह के बाद, सुरक्षा इतनी सख्त होती है कि वित्त मंत्री भी मोबाइल फोन प्रिंटिंग एरिया में नहीं ले जा सकते। बजट प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों की 24 घंटे निगरानी की जाती है। अधिकारियों की खानपान और रहने की व्यवस्था बजट की घोषणा तक प्रिंटिंग घर में ही की जाती है, और किसी आपात स्थिति में ही उन्हें अपने परिवार से संपर्क की अनुमति होती है वह भी पूरी सुरक्षा की निगरानी में ।

नॉर्थ ब्लॉक किले में तब्दील हो जाता है और सुरक्षा एजेंसियाँ फोन कॉल और संचार पर कड़ी निगरानी रखती हैं , इलेक्ट्रॉनिक जैमर और अन्य सुरक्षा उपाय यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी जानकारी लीक न हो।

हालांकि बजट दस्तावेजों को लीक करना आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत दंडनीय है, लेकिन खुफिया ब्यूरो की निगरानी और सुरक्षा प्रक्रियाएँ इस प्रक्रिया को और भी सुरक्षित बनाती हैं। इस तरह की गोपनीयता और सुरक्षा के बावजूद, बजट निर्माण प्रक्रिया वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों के बीच अत्यधिक मांग वाला काम है,

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