Bangladesh की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना (Sheikh Hasina) ने अपने इस्तीफे से पहले देश को संबोधित करने की योजना बनाई थी, यह भाषण विशेष रूप से उन प्रदर्शकों के लिए था, जिन्होंने उनके पद से हटने का कारण बने। हालांकि, प्रदर्शक उनके निवास तक पहुंच गए और सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें जल्द निकल जाने की सलाह दी, जिससे उनका भाषण कभी नहीं दिया जा सका।
Saint martin island : अब भारत में, Sheikh Hasina ने अपने करीबी सहयोगियों को उस न दिए गए भाषण के बारे में बताया,जिसमें उन्होंने अमेरिका पर बांग्लादेश में सरकार बदलने की साजिश करने का आरोप लगाया। उनका कहना था, “मैंने इस्तीफा दिया ताकि छात्रों के शवों की बारात न देखनी पड़े। अगर मैं सत्ता में रहती, तो सेंट मार्टिन द्वीप (saint martin island) की संप्रभुता अमेरिका को सौंप देती।”
Sheikh Hasina का ‘राजाकार’ टिप्पणी पर स्पष्टीकरण।
Sheikh Hasina ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी प्रदर्शक छात्रों को ‘राजाकार’ नहीं कहा। उनका कहना था, “मेरे शब्दों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। कृपया पूरा वीडियो देखें।”
अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंध ,
Sheikh Hasina के कार्यकाल के दौरान, अमेरिका और बांग्लादेश के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए। अमेरिका ने बांग्लादेश के चुनावों को स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं माना। हसीना ने आरोप लगाया कि अमेरिका एक नया ‘ईसाई देश’ बनाने की साजिश कर रहा था। इस्तीफे के बाद, अमेरिका ने बांग्लादेश में लोकतांत्रिक अधिकारों की सराहना की और अंतरिम सरकार से लोकतांत्रिक प्रक्रिया की उम्मीद जताई।
बांग्लादेश में हालात ,
शेख़ हसीना के जाने के बाद, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार ने जिम्मेदारी संभाली है, उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
न्यायिक संकट और इस्तीफे,
बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन और पांच अन्य शीर्ष न्यायाधीशों को बड़े छात्र प्रदर्शनों के बीच इस्तीफा देना पड़ा। इसके साथ ही, कई अन्य उच्च अधिकारी भी इस्तीफा दे चुके हैं।
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