Supreme Court ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को नीट की परीक्षा में हुई गड़बड़ी के मामले में मंगलवार को नोटिस जारी किया, जिसमें NEET UG 2024 के परिणाम को रद्द करने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई हो रही थी। इस याचिका में दावा किया गया है कि प्रश्नपत्र नकली था।
NEET Supreme Court: में सुनवाई के दौरान छात्रों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा , परीक्षा रोकने से अदालत इंकार कर दिया ,मगर परीक्षा की दोबारा मांग करने वाली याचिकाओं पर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को नोटिस जारी किया हैं , अदालत ने नोटिस करते हुए NTA को बताया,”यह इतना सरल नहीं है कि आपने परीक्षा आयोजित की है, इसलिए यह पवित्र है।” परीक्षा की शुद्धता प्रभावित होने के कारण हमें उत्तर चाहिए।
न्यायालय ने हालांकि प्रवेश के लिए काउंसलिंग जारी रखने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने कहा “हम काउंसलिंग को नहीं रोक रहे हैं,”। 8 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ के समक्ष होगी ,
Supreme Court क्यों पंहुचा NEET का मामला ?
आप को बता दे इस साल 5 मई 2024 को देश भर के 706 मेडिकल कॉलेजों के कुल 1,08,940 MBBS की सीटों के लिए 24 लाख से ज़्यादा छात्रों ने परीक्षा दिया । जिनमे से करीब 1500 छात्रों को बढ़ा-चढ़ाकर अंक दिए गए , विशेष ध्यान आकर्षित करने वाली बात यह कि 67 छात्रों ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए हैं जो सभी विशेष कोचिंग सेंटर हैं,
किसने की Supreme Court में याचिका दायर ?
छात्रों के हितों और शिक्षण संस्थानों में हो भ्रस्टाचार के खिलाफ इस याचिका को आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के रहने वाले शैंक रोशन मोहिद्दीन और अब्दुल्लाह मोहम्मद फैज दायर कर के सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई हैं कि इस मामले में जब तक जांच होती है तब तक नीट यूजी 2024 की काउंसलिंग पर रोक लगाई जाए।
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