हर साल 26 जुलाई को मनाया जाने वाला (Kargil Vijay Diwas) कारगिल विजय दिवस हमारे वीर सैनिकों की शहादत और समर्पण को समर्पित है ,कारगिल के युद्ध में जम्मू और कश्मीर के कठिन पहाड़ी इलाके और प्रतिकूल मौसम के बावजूद भारतीय जवानो ने पाकिस्तान के 2700 से अधिक सैनको को मौत के घाट उत्तार कर विजय प्राप्त किया ,
Kargil Vijay Diwas 2024 : भारत साहस, संस्कृति और क्षमा का देश है। यह देश और इसका इतिहास दुनिया भर के लिए प्रेरणादायक और खास है, भारतीयों ने अपने गौरव को बचाया है, हालांकि वे कठिन परिस्थितियों से गुज़रे हैं। हमारे सैनिकों ने कई संघर्षों में जीत हासिल की है।कारगिल युद्ध ऐसा ही एक यादगार युद्ध है। 26 जुलाई को कारगिल दिवस मनाया जाता है, जो इस देश को बचाने के लिए अपने जीवन की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों को याद करता है।
हर साल 26 जुलाई को मनाया जाने वाला Kargil Vijay Diwas हमारे वीर सैनिकों की शहादत और समर्पण को समर्पित है ,जिन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी। यह दिन भारतीय सैनिकों की अदम्य वीरता की कहानी को जीवित करता है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। 3 मई 1999 में शुरू हुए कारगिल युद्ध की समाप्ति का प्रतीक यह दिन, भारतीय सेना की साहसिकता का प्रमाण है, जिसने जम्मू और कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों द्वारा कब्जा किए गए महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थानों को पुनः प्राप्त किया।
Kargil Vijay Diwas 2024: ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य,
1971 में भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने बांग्लादेश का निर्माण किया, और सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण को लेकर दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ता रहा। 1998 में दोनों देशों ने परमाणु परीक्षण किए, जिससे तनाव और बढ़ गया। फरवरी 1999 में लाहौर घोषणा के माध्यम से कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान खोजने की बात की गई, लेकिन इस प्रयास के बावजूद पाकिस्तानी सेना ने 1998-1999 की सर्दियों के दौरान, नियंत्रण रेखा (एलओसी) के भारतीय हिस्से में पाकिस्तानी सैनिकों और अर्धसैनिक बलों को गुप्त रूप से प्रशिक्षण दिया जाता था। घुसपैठ का कोड था “ऑपरेशन बद्री”। पाकिस्तानी घुसपैठ का उद्देश्य था कि लद्दाख और कश्मीर के बीच की सीमाओं को काट दिया जाए, साथ ही भारतीय सेना को सियाचिन ग्लेशियर से वापस बुलाया जाए, जिससे भारत को व्यापक कश्मीर विवाद का समाधान करने पर मजबूर किया जाए।
भारतीय सेना ने शुरू में इन सैनिकों को चरमपंथी आतंकवादियों के रूप में देखा, लेकिन जल्द ही समझ में आया कि यह एक योजनाबद्ध और बड़ा आक्रमण है, भारतीय सेना ने इसका माकूल जवाब दिया और लगभग 2,00,000 सैनिकों को क्षेत्र में तैनात कर दिया, जिससे युद्ध की शुरुआत हुई।
Kargil Vijay Diwas 2024: महत्व और श्रद्धांजलि,
Kargil Vijay Diwas भारतीय सैनिकों की शहादत और बलिदान को सम्मानित करता है; इस संघर्ष में जम्मू और कश्मीर के कठिन पहाड़ी इलाके और प्रतिकूल मौसम के बावजूद भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति देकर भी डेट रहे।
6 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय प्राप्त की, जिसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह युद्ध भारतीय सेना के साहस का प्रतीक है। 18,000 फीट की ऊंचाई पर लड़ी गई इस जंग में भारत ने 527 वीर जवानों को खोया और 1300 से ज्यादा घायल हुए। पाकिस्तान के 2700 सैनिक मारे गए और 750 ने जंग छोड़ दी। पाकिस्तान ने 3 मई 1999 को कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर घुसपैठ की, जिसके बाद भारत ने ऑपरेशन विजय चलाकर उन्हें खदेड़ा।
पाकिस्तानी बलों ने गुप्त रूप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर महत्वपूर्ण पर्वतीय चौकियों पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना ने कठिन परिस्थितियों में भी अद्वितीय वीरता दिखाते हुए इन चौकियों को पुनः प्राप्त किया। जब पाकिस्तानी सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर किया गया, तो भारत को विजय प्राप्त हुई।
Kargil Vijay Diwas उन शूरवीरों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाई। यह दिन हर साल श्रद्धा और गर्व के साथ मनाया जाता है, उनकी बहादुरी और बलिदान को सम्मानित करते हुए।