Hartalika Teej : हरतालिका तीज का पावन पर्व हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और सौभाग्य की कामना करते हुए पूरे दिन निर्जला व्रत करती हैं।
यह व्रत माता पार्वती और भगवान शिव के अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उसी प्रेम और आस्था को सजीव रखने के लिए महिलाएं यह व्रत करती हैं।
अविवाहित कन्याओं के लिए भी यह व्रत विशेष महत्व रखता है, क्योंकि वे अच्छे जीवनसाथी की कामना के साथ इसे करती हैं।
Hartalika Teej का महत्व और विधि ,
हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का व्रत कठोर व्रतों में गिना जाता है। इस दिन महिलाएं बिना जल ग्रहण किए पूरे दिन व्रत करती हैं और सायंकाल में सोलह श्रृंगार कर मां पार्वती, भगवान शिव, श्री गणेश और कार्तिकेय की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है।
Hartalika Teej 2024
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पूजन सामग्री
Hartalika Teej की पूजा को विधिपूर्वक संपन्न करने के लिए कुछ खास सामग्रियों की जरूरत होती है, जो इस पूजा को पूर्ण और सफल बनाती हैं। इन सामग्रियों में शामिल हैं:
– भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी से बनी प्रतिमाएं
– पूजा के लिए पीले रंग का शुभ कपड़ा
– सुपारी, बेलपत्र, कलश, अक्षत, घी, दही और गंगाजल
– श्रृंगार सामग्री जैसे सिंदूर, चूड़ियां, बिंदी, मेंहदी, और कुमकुम, जो मां पार्वती को समर्पित की जाती हैं
इन वस्तुओं के माध्यम से भक्त अपनी भक्ति और समर्पण को प्रकट करते हैं, जिससे उनकी पूजा पूर्ण मानी जाती है।
शुभ मुहूर्त
पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:02 से 8:33 तक रहेगा, जबकि प्रदोष काल का समय शाम 6:36 से शुरू होगा। इस वर्ष हरतालिका तीज पर रवि योग और शुक्ल योग का शुभ संयोग भी बन रहा है, जो पूजा को और अधिक फलदायी बनाता है।
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