Bangladesh Crisis:पिछले दिनों जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन ने अब सुप्रीम कोर्ट को भी अपनी चपेट में ले लिया। इस विरोध के बाद, चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन ने अपने पद से हटने का निर्णय लिया। शाम को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के साथ बैठक के बाद वह अपना इस्तीफा सौंपेंगे।
Bangladesh Crisis: शनिवार को ढाका में सैकड़ों छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट को चारों ओर से घेर लिया। चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन और अपीलीय डिवीजन के जजों को दोपहर 1 बजे (स्थानीय समयानुसार) तक इस्तीफा देने का अल्टीमेटम दिया। इस घेराव और अल्टीमेटम के बाद, चीफ जस्टिस को इस्तीफा देने का फैसला लेना पड़ा।
प्रदर्शन की वजह और खतरा :
प्रदर्शनकारी छात्रों और वकीलों ने कोर्ट परिसर में जमा होकर जजों के इस्तीफे की मांग की। यह विरोध तब शुरू हुआ जब चीफ जस्टिस ने बिना किसी परामर्श के पूर्ण-अदालत की बैठक बुलाई। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जज एक साजिश का हिस्सा हैं, जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ा है।
शेख हसीना का इस्तीफा और अंतरिम सरकार :
इस विवाद के बीच, अवामी लीग की नेता शेख हसीना ने प्रधान (Sheikh Hasina) मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया। उनकी जगह बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने प्रशासन संभाला और एक अंतरिम सरकार का गठन किया। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार ने शपथ ली है।
Bangladesh Crisis: विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि :
Bangladesh Crisis: बांग्लादेश विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों का सामना कर रहा था। इस प्रणाली के तहत 1971 के मुक्ति संग्राम में भाग लेने वाले सैनिकों के परिवारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण है, एक महीने से भी ज्यादा समय तक चले हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम 450 लोग मारे गए, जिसके बाद शेख हसीना का शासन समाप्त हो गया।
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