दिल्ली की राजनीति में एक मजबूत और आत्मविश्वासी नेता के रूप में उभर चुकीं आतिशी (Atishi) अब दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। लेकिन उनके जीवनसाथी प्रवीण सिंह (Praveen Singh) , जो हमेशा लाइमलाइट से दूर रहे हैं, उनके बारे में लोग कम ही जानते हैं। प्रवीण सिंह एक शांत, सादगी पसंद इंसान हैं, जिन्होंने हमेशा चुपचाप, बिना किसी दिखावे के अपना योगदान दिया है।
प्रवीण सिंह ने भारत के दो सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों, IIT और IIM से अपनी शिक्षा पूरी की है, इस शिक्षा के बाद उनके पास कॉर्पोरेट दुनिया में बड़े मौके थे, लेकिन उन्होंने इन संभावनाओं को पीछे छोड़कर ग्रामीण भारत की सेवा करने का रास्ता चुना। गांधीजी के ग्राम स्वराज के विचार से प्रेरित होकर, उन्होंने गाँवों के विकास के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
कैसे मिले Atishi और Praveen?
Atishi और Praveen की पहली मुलाकात दिल्ली में हुई, जहाँ दोनों का सपना एक था गाँवों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना। दोनों का यही साझा दृष्टिकोण उन्हें एक-दूसरे के करीब लाया। विचारों की इस समानता ने धीरे-धीरे उनके रिश्ते को प्रेम में बदल दिया, और उन्होंने साथ में जीवन बिताने का निर्णय लिया।
2007 में कम्यून की स्थापना
Atishi और Praveen ने 2007 में मध्य प्रदेश में एक कम्यून की स्थापना की, जिसका मकसद ग्रामीण शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देना था। इस कम्यून के तहत, उन्होंने न केवल ऑर्गेनिक खेती के प्रोजेक्ट्स पर काम किया, बल्कि गाँवों में सामुदायिक जीवन के महत्व को भी प्रचारित किया। इस काम ने उनके रिश्ते को और गहरा बना दिया, और उनकी साझेदारी मजबूत होती चली गई।
प्रवीण सिंह की सादगी और लो-प्रोफाइल जीवन
जहाँ आतिशी आज राजनीति में एक बड़ा नाम बन चुकी हैं, वहीं प्रवीण सिंह हमेशा लो-प्रोफाइल जीवन जीना पसंद करते हैं। वे इतने निजी स्वभाव के हैं कि सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें भी मिलना मुश्किल है। हालांकि, उनके काम की सराहना उनके सहयोगी और जानकार हमेशा करते हैं।
क्या प्रवीण सिंह सीएम आवास में रहेंगे?
दिल्लीच्या नव्या मुख्यमंत्री आतिशी यांचे पती कोण आहेत माहिती आहे का?https://t.co/Z0jj5lYRyK #AtishiMarlena #Delhi
— SakalMedia (@SakalMediaNews) September 17, 2024
आतिशी (Atishi) के मुख्यमंत्री बनने के बाद, यह सवाल उठता है कि क्या प्रवीण सिंह उनके साथ मुख्यमंत्री आवास में रहेंगे? उनके शांत और सादगी भरे जीवन को देखते हुए यह कहना मुश्किल है, क्योंकि उन्होंने हमेशा पब्लिक लाइफ से दूरी बनाए रखी है।
Atishi और Praveen की प्रेम कहानी सिर्फ एक व्यक्तिगत रिश्ता नहीं, बल्कि विचारों और मूल्यों की साझेदारी है। दोनों ने मिलकर अपने जीवन को एक सकारात्मक दिशा दी और ग्रामीण भारत के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका संबंध इस बात का प्रतीक है कि कैसे समान दृष्टिकोण और उद्देश्य एक रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं।
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