Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के अवसर पर हम उनके जीवन के उस पहलू पर चर्चा करते हैं, जिसने लोगों के दिलों में एक सवाल छोड़ा – उन्होंने शादी क्यों नहीं की? तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल जी की हाजिर जवाबी और गहन दृष्टि ने उन्हें जनता का प्रिय नेता बना दिया, लेकिन उनके जीवन के इस अहम फैसले के पीछे की कहानी क्या थी?
Atal Bihari Vajpayee जी का जीवन प्रेम से अछूता नहीं था। विक्टोरिया कॉलेज, ग्वालियर में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात राजकुमारी कौल से हुई, जिनके साथ उनकी गहरी दोस्ती धीरे-धीरे प्रेम में बदल गई। वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर ने अपनी किताब में बताया है कि अटल जी ने एक प्रेम पत्र लिखकर अपने भावनाओं का इजहार किया, परंतु उन्हें इसका जवाब कभी नहीं मिला। शायद इस अनकहे इंतजार ने उनके दिल में शादी का विचार ही समाप्त कर दिया। हालांकि, राजकुमारी कौल की शादी किसी और से हो गई, पर अटल जी का जीवन राजनीति और देश सेवा की ओर मुड़ चुका था।
Atal Bihari Vajpayee के लिए देश सेवा थी पहली प्राथमिकता।
Atal Bihari Vajpayee का देश के प्रति समर्पण बचपन से ही स्पष्ट था। उनके परिवार के लोग बताते हैं कि अटल जी देश को अपना परिवार मानते थे। उनके अनुसार, “देश और देशवासियों की जिम्मेदारियों को निभाते हुए, शादी के बारे में सोचने का मौका ही नहीं मिला।” यही कारण था कि उन्होंने अपना पूरा जीवन देश सेवा को समर्पित कर दिया और अविवाहित रहकर देश को ही अपना परिवार मान लिया।
Atal Bihari Vajpayee ने कभी व्यक्तिगत जीवन में विवाह का बंधन नहीं बांधा, लेकिन उन्होंने देश के साथ जो रिश्ता बनाया, वह अनमोल था। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश और उसके नागरिकों के कल्याण के लिए समर्पित की उनका अविवाहित जीवन उनके चरित्र की गहराई और उनकी निस्वार्थ सेवा भावना का प्रतीक बन गया।
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