Hema Committee Report : मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ हो रहे शोषण और लैंगिक असमानता को उजागर करते हुए, हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने उद्योग के भीतर एक गहरे और अंधेरे सच का खुलासा किया है। यह कमेटी 2017 में अभिनेत्री पर हुए हमले के बाद बनाई गई थी, जिसमें अभिनेता दिलीप मुख्य आरोपी थे। इसका उद्देश्य था इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ हो रहे यौन शोषण और असमानता का अध्ययन करना।
Kerala Government : केरल सरकार द्वारा 233 पन्नों की यह Hema Committee Report सोमवार को जारी की गई। सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जारी की गई इस रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में एक 15 सदस्यीय पुरुष-प्रधान शक्ति समूह के अस्तित्व का खुलासा किया गया, जिसमें निर्देशक, निर्माता और अभिनेता शामिल थे। यह समूह यह तय करता है कि इंडस्ट्री में कौन रहेगा और किसे काम मिलेगा।
रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि मलयालम सिनेमा पर अपराधियों और महिला-विरोधी मानसिकता का गहरा प्रभाव है। इस पुरुष-प्रधान समूह को ‘माफिया’ कहा गया है, क्योंकि उनके पास उन लोगों के करियर खत्म करने की ताकत है, जो उनके खिलाफ आवाज उठाते हैं। प्रमुख अभिनेताओं की इसमें संलिप्तता की पुष्टि भी की गई है।
महिलाओं के प्रति पुरानी मानसिकता
Hema Committee Report में महिलाओं के प्रति फिल्म इंडस्ट्री में प्राचीन सोच की पुष्टि की गई है और ‘कास्टिंग काउच’ जैसी घटनाओं का जिक्र हुआ है। निर्देशक और निर्माता महिलाओं को शोषण की स्थिति में धकेलते हैं, और जो महिलाएं उनके शर्तों को मान लेती हैं, उन्हें ‘सहयोगी कलाकार’ कहा जाता है। कई महिलाओं ने बयान दिए हैं कि उन्हें फिल्में पाने के लिए अपनी गरिमा से समझौता करना पड़ा।
Breaking: Hema Committee report reveals power group of 15 male members, systemic violence against women in Malayalam cinema
The Kerala government released the 233-page Justice K. Hema Committee Report on Monday. Details of the report accessed by Maktoob will be updated soon. pic.twitter.com/j9aOj4SlXx
— Maktoob (@MaktoobMedia) August 19, 2024
Hema Committee Report उत्पीड़न का दर्दनाक सच ,
Hema Committee Report में कई महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न के दर्दनाक किस्से भी सामने आए हैं। एक महिला ने बताया कि उसे एक अभिनेता द्वारा दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा और अगले ही दिन उसी अभिनेता के साथ पत्नी का किरदार निभाना पड़ा। वह 17 बार टेक देने के बाद भी उसके सामने खड़ी नहीं हो पा रही थी।
रिपोर्ट के अनुसार, उत्पीड़न का सामना करने वाली महिलाएं पुलिस के पास जाने से डरती थीं क्योंकि उन्हें अपनी जान का खतरा महसूस होता था, यदि किसी ने शिकायत की, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी जाती थी, यहां तक कि उनके परिवारों को भी निशाना बनाया जाता था।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए वेतन असमानता और बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, महिलाओं को गोपनीयता और शौचालय जैसी सामान्य सुविधाएं भी नहीं मिलती थीं।
जूनियर कलाकारों का शोषण
जूनियर कलाकारों को भी इंडस्ट्री में काम पाने के लिए यौन संबंधों की मांगों को पूरा करने के लिए कहा जाता था। उन्हें बताया जाता था कि अगर वे फिल्म इंडस्ट्री में आना चाहती हैं, तो उन्हें समझौता करना होगा। कुछ प्रबंधक और समन्वयक व्हाट्सएप समूह बनाते थे, जिसमें पुरुष और महिलाएं होते थे, ताकि वे एक-दूसरे से संपर्क कर सकें।
जूनियर कलाकारों के लिए काम के घंटे निर्धारित नहीं होते थे; उन्हें सुबह 7 बजे से लेकर रात 2 बजे तक काम करना पड़ता था, लेकिन उन्हें कोई ओवरटाइम या घर जाने के लिए परिवहन सुविधा नहीं दी जाती थी।
Report की सत्यता और अदालत का फैसला
Hema Committee Report 51 व्यक्तियों के बयानों पर आधारित है और इसे जारी करने का निर्णय तब आया जब केरल उच्च न्यायालय ने अभिनेता रंजिनी की अपील को खारिज कर दिया। रंजिनी ने राज्य सूचना आयोग द्वारा रिपोर्ट जारी करने के आदेश को चुनौती दी थी, लेकिन अदालत ने यह सुनिश्चित किया कि रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
Read Also :- Champai Soren का नया दांव: क्या Jharkhand के ‘टाइगर’ की राह बदलने वाली है?