शुक्रवार सुबह 9:17 बजे ISRO ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से EOS-08 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह लॉन्च ISRO के छोटे सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) सीरीज की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान है।
इस मिशन का उद्देश्य SSLV के वाहनों की विश्वसनीयता और क्षमता को प्रदर्शित करना है। साथ ही, EOS-08 सैटेलाइट और SR-0 DEMOSAT को 475 किमी की ऊंचाई वाली कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करना है।
SSLV की तीसरी और अंतिम उड़ान क्यों है खास?
SSLV-D2-EOS-07 की सफलता के बाद, यह मिशन के लिए Indian Space Research Organisation माइक्रोसैटेलाइट डिज़ाइन को और बेहतर करने का एक और मौका है। इसके साथ ही, इस मिशन के तहत नई तकनीकों का परीक्षण किया जा रहा है, जो भविष्य में सैटेलाइट लॉन्चिंग के लिए उपयोगी साबित होंगे। SSLV की यह प्रणाली 500 किलोग्राम तक के सैटेलाइट को पृथ्वी से 500 किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थापित करने में सक्षम है।
ISRO की इस साल की उपलब्धियां ,
2024 में अब तक ISRO ने PSLV-C58/XpoSat और GSLV-F14/INSAT-3DS जैसे महत्वपूर्ण मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। SSLV-D3-EOS-08 मिशन इस श्रेणी का आखिरी विकासात्मक चरण है, जिससे इसरो को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक नया मुकाम हासिल करने का रास्ता मिलेगा।
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